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Saturday 19 June, 2010

बातों बातों में चली आप की बात : लोग सब समझे क़ायनात की बात

कभी चुप हैं, तो कभी आप की बात
और फिर आपकी - बस आपकी बात
 
फूल-तितली-बहार-झरनों के मिस
बातों-बातों में चली आपकी बात

लोग सब समझे क़ायनात की बात
हम तो करते रहे बस आपकी बात

जाने क्या-क्या कहा, किस-किस से कहा
आप से कैसे कहें आप की बात

कहें दीवाना, जो हँसते हैं - हँसें
लोग क्या जानें - क्या है आपकी बात

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

शोर मचाते हैं, सब सड़क में,हैं आप उधर,
हम चाह के भी सुन न सके, आपकी बात,

E-Guru _Rajeev_Nandan_Dwivedi said...

आप से कैसे कहें आप की बात !!
दिलकश !!!!

Anonymous said...

बात चले जब उनकी
कह ही डालो दिल की बात
जो पूछे एक बार कभी वो
नजर झुका कर कहना उनसे
नही लाता होठों पर कभी
चाहू करना कितना भी प्रियतम
नही नही, है नही ये आपकी बात