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सब लोग ज़माने में सितमगर नहीं होते
क़द एक हो तो लोग बराबर नहीं होते
होते हैं मददगार - कई बार अजनबी
जिन लोगों से उम्मीद हो-अक्सर नहीं होते
उनको तलाश लेंगे करोड़ों के बीच हम
सारे गुलों के हाथ में पत्थर नहीं होते
क़ुदरत के इल्तिफ़ात से है शायरी का फ़न
सब शे'र कहने वाले भी शायर नहीं होते
हम ही नहीं ग़ज़ल से - हमीं से ग़ज़ल भी है
हम से दिवाने सारे सुख़नवर नहीं होते
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सितमगर: अत्याचारी
फ़न : हुनर, कला, योग्यता
इल्तिफ़ात : अनुग्रह, कृपा, प्रसन्नता (बहुवचन में)
सुख़नवर: बहुत अच्छा शायर, ग़ज़लसरा, ग़ज़लगो